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जवानी

जवानी आते ही सोचा की मिल जाये कोई हसीना
बहुत ढूंढा कई बार पिटा निकला जिगर का पसीना।
घरवालो ने समझाया की मत ले इतनी फजीहत मोल
जल्द ही बजेगा घर मैं तेरे नाम का ढोल।
तेरी खातिर लड़की की तलाश जारी हैं
चिंता मत कर अब तो तेरी ही बारी हैं।
आखिरकार शादी हुई और बाग़ बाग़ हुआ दिल
और लगा ऐसा की उसके क़दमों में ही तो थी मेरी मंजिल।
समय बीतता गया और आई प्यार मैं मंदी
और अब हर ख़ूबसूरत हसीना को देखकर कहता हूँ की क्यों करी मैने इतनी जल्दी।

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