मूछ
सोचा था मूछ रखकर हो जायेंगे समझदार के आएगी अकल
चेहरा मूछ सा हो गया जब पुकारा एक नोजवान ने हमें कहकर अंकल।
दिल तो बहुत दुखा और चेहरे पर लाली छाई
और हमने इक्मिलन से उसे ये बात समझाई।
बहुत दिनों से चिकने थे इस लिए मूछ रखने का मन मैं आया
बुरी लगी तो काट लेंगे और अच्छी लगी तो कोन सा हमें देना हैं इसका किराया।
चेहरा मूछ सा हो गया जब पुकारा एक नोजवान ने हमें कहकर अंकल।
दिल तो बहुत दुखा और चेहरे पर लाली छाई
और हमने इक्मिलन से उसे ये बात समझाई।
बहुत दिनों से चिकने थे इस लिए मूछ रखने का मन मैं आया
बुरी लगी तो काट लेंगे और अच्छी लगी तो कोन सा हमें देना हैं इसका किराया।
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