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शेर बने कुत्ते

आज कई दिनों बाद एक पुरानी कहानी याद आ गई।
तो बात यह है की एक समय ऐसा आया की सरकार ने क़ानून बनाया कि सर्कस में अब किसी भी जानवर का शोषण नहीं होगा। उन्हें बाँधकर नहीं रखा जायेगा। उनसे कोई खेल नहीं खिलाया जायेगा। तब सर्कस वालों ने अपने अपने जानवरों को जंगल में वापस छोड़ना शुरू कर दिया।
जब शेर को वापस जंगल में भेजने की बारी आयी तो सभी सर्कस वाले एक जुट हो गए और अपने सभी शेरों को एक साथ जंगल ले गए। कुल मिला कर 10 शेर जंगल छोड़े गए । कुछ दिनों बाद पता चला की अब उन 10 शेरों में से सिर्फ 3 ही बचे हैं। बाकी सभी को कुत्ते खा गए।

आया कुछ समझ में !!

शेरों को हमेशा पका पकाया खाना मिलता था तो वो अपनी शिकार करने की शैली भूल गए और कुत्तों को अब पका पकाया खाना नहीं मिलता था तो वे खाने की लिए शिकारी बन गए।

यही कुछ हमारे साथ होता है। हमारे माँ बाप जो हमारे लिए छोड़ के जाते है, और हमें हरदम पाक पकाया खाना देते है तो हम संघर्ष करना भूल जाते हैं। उनका तो फर्ज है हमें सब कुछ देना ,पर हमें खुद करना है सब कुछ। और जिनके माँ बाप अपने बच्चों के लिए ज्यादा नहीं कर पाते वही बच्चे अपने जीवन में कुछ कर जाते हैं।

2 तरह के प्राणी होते है ,एक जमीन से निकले हैं और दूसरे आसमान से निकले हैं। जमीन से निकले आदमी सिर्फ ऊपर जा सकते है और आसमान से निकले आदमी सिर्फ नीचे।
अपने बच्चों के लिए करना आपका फर्ज है पर इतना नहीं कि वो कुछ भी करना भूल जायें।

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