बेटी ओर बहू
बेटी जो बहु बनी तो क्यों पराई हो गई
भोली भाली बेटी भी ज़माने की सिखाई हो गई
छोड़ आई जब वो बाबुल का घर पिया की खातिर
फिर क्यों वो दहेज की सताई हो गई
ससुराल का दस्तूर भी अजीब है
बिटिया करे तो लड़कपन और बहु करे तो बुराई हो गई
पिता की राजकुमारी बन जो घर में रहती थी कभी
आज वही ससुराल में बाई हो गई
औरत ही औरत की दुश्मन है ससुराल में
क्यों कल और आज की बहुओं में लड़ाई हो गई
भोली भाली बेटी भी ज़माने की सिखाई हो गई
छोड़ आई जब वो बाबुल का घर पिया की खातिर
फिर क्यों वो दहेज की सताई हो गई
ससुराल का दस्तूर भी अजीब है
बिटिया करे तो लड़कपन और बहु करे तो बुराई हो गई
पिता की राजकुमारी बन जो घर में रहती थी कभी
आज वही ससुराल में बाई हो गई
औरत ही औरत की दुश्मन है ससुराल में
क्यों कल और आज की बहुओं में लड़ाई हो गई
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