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शहीदों को नमन

यूँ देश के लिए जान देने का जज्बा मुझमे नही
नसीब वाले तो इसे ले कर पैदा होते है

आज मैं जीते जी मर गया
सुना है फिर कोई जवान अपनी जान देश के नाम कर गया

गर शहीद हो जाऊ जंग में तो गम ना करना
तू भी मेरी माँ है वो भी मेरी माँ है

ऐ माँ तेरा कर्ज चुकाना तो नामुमकिन है
सोचा शहीद हो कर धरती का ही कर्ज चुका दूँ
-अनिरुद्ध शर्मा

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