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LED चालक के जलने बुझने के झटके को ठीक किया

मैंने एक LED चालक खरीदा और उसको अपने कमरे में रौशनी करने के लिए प्रयोग किया. शुरुवात ( सर्दी के मोसम में) में तो वो ठीक चला पर कुछ समय ( गर्मी के मोसम) बाद  वो झटके दे देकर जलने और बुझने लगा.

समस्या- एक दिन मैंने उसे ठीक करने की ठानी और उसके अंदर के परिपथ को खोल डाला. या एक बक परिपथ था.जब मैंने उसे डब्बा मुक्त चलाया तो वह बिलकुल ठीक चल रहा था. मैं समझ गया की खुले डब्बे में इसमें हवा का आदान प्रदान ठीक हो रहा है सो ये सही चल रहा है. बंद डब्बे में हवा अंदर ही थी और उसकी ऊष्मा बाहरी वातावरण में नहीं जा पा रही थी. इसकी वजह से उसका नियंत्रक ज्यादा तापमान बढ़ने पर परिपथ को बंद कर देता था.जैसे ही परिपथ बंद होता तो परिपथ के नियंत्रक का तापमान कम हो जाता और वह पुनः चलने लगता. और यही प्रक्रिया चलती रहती और रौशनी टिमटिमाती रहती.

समाधान-परिपथ का नियंत्रक, किसी अव्यय के गर्म होने पर परिपथ नहीं रोकेगा परन्तु नियंत्रक के गर्म होने पर ही वो नियंत्रक की क्रिया को बंद कर देगा.
चुकी इस नियंत्रक के अंदर ही मोस्फेट है और सिर्फ मोस्फेट ही है जो गर्म हो सकता है.वह भी तब ही गर्म होगा जब उसको मिलने वाली तरंगे समान नहीं होंगी.

ऊपर दिए गए चित्र में एक बक परिपथ को दर्शाया गया हैं इसमें जो switch ( कुंजी ) हैं उसका कार्य मोस्फेट करता हैं. बिंदु A पर प्रत्यावर्ती धारा आती हैं और वह डायोड परिहारक से गुजर कर सिर्फ घनात्मक रह जाती है. इस घनात्मक धारा को एक सीधे धारा में परिवर्तन करने का कार्य छन्नी संधारित्र करता है. तो मेरा ध्यान सीधे छन्नी संधारित्र पर गया.चूकी यह एक स्वतः PF ठीक करने वाला नियंत्रक है सो इसके छन्नी संधारित्र का मान कम होता हैं और उसका प्रकार भी अगल होता है.
और मैं सही था, उस संधारित्र का जो प्रकार लगा हुआ था वह गलत था. मैंने वह संधारित्र बदला और उसकी जगह पर उचित प्रकार का संधारित्र लगाया. अब वह चालक और रौशनी सही चल रही है.



ऊपर दर्शायें गए चित्र में जो संधारित्र ऊपर की तरफ है वह संधारित्र उस चालक में लगा हुआ था और जो संधारित्र नीचे की तरफ है वह नया लगाया गया है.

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