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दुनिया का नजरिया

अभी एक फ़िल्म अभिनेता को उनके द्वारा किये गए जुर्म पर सजा हो गई तो सब लोग बड़े आसूं बहा रहे हैं
बस मेरे दिल का हाल बयां करती ये कुछ पंक्तियाँ

शहीदों की कुर्बानी पर कोई रोता नहीं
और पैसे वालों की सजा पर भी लोगों को गम है
एक दिन भेज दो उन्हें भी सरहद पर
पता चल जायेगा किस में कितना दम है
पता चले उन्हें भी असली नायक कौन है
और इतनी हमदर्दी के लायक कौन है
पता चले कि कौन झेलता है दुश्मनों की गोलियाँ
और कौन घर में रह बिगाड़ रहा युवाओं की बोलियाँ
फिर क्यों इतना हा हा कार मचा है
करी गलती जब तो मिलनी सजा है
चलो थोडा कानून पर भरोसा तो आया
भले ही सच को जानने में इतना समय लगाया
-अनिरुद्ध

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