सहनशक्ति क्या हैं ????
■ सहनशक्ति माना किसी स्थिती अथवा घटना को सहन करने की क्षमता अर्थात आंतरिक बल l यह ऐसी क्षमता है जो विकट परिस्थितियों में भी हमें सक्रिय बनाए रखती है l
परमात्मा द्वारा राजयोग से प्राप्त हुई अष्टशक्ति में से एक शक्ति है। ये अष्ट शक्तियां हैं
● सहनशक्ति
● विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति
● समेटने की शक्ति
● समाने की शक्ति
● निर्णय की शक्ति
● परखने की शक्ति
● सामना करने की शक्ति और
● सहयोग की शक्ति
इन्ही अष्ट शक्तियो में से एक है "सहन शक्ति "।
■ परमात्मा ने हमे जो राजयोग सिखाया है, उसके निरंतर अभ्यास से हमे अष्टशक्तियों की प्राप्ति होती है।'
जैसे पेड़ पर पत्थर मारने पर वह मीठे फल देता है , अपकार करने वाले का भी उपकार करता है। उसी तरह योगी आत्मा भी हमेशा ही दूसरो के अपकार को भुलाकर उसके प्रति शुभ भावना ही रखता है।
■ हर एक मनुष्य को वरदाता परमात्मा ने जन्म होते ही मास्टर सर्वशक्तिमान बनाकर सर्वशक्ति भव का वरदान दिया हैं। बालक बनते ही सर्व शक्तियों के मालिक बने हैं।
■ यह सर्वशक्तिया मास्टर सर्वशक्तिमान आत्माओ की सेवाधारी हैं।जिसको जब आर्डर करेगे,वह हाज़िर हजूर कह सहयोगी बनेगी।
■ कोई दुश्मन बन क्रोधित होते हैं , अपशब्दों की वर्षा करते हैं - ऐसे समय पर मुस्कुराते रहना , संकल्पमात्र भी मुरझाने का चिन्ह चेहरे पर न आये - इसको कहा जाता हैं सहनशक्ति।
■ कितनी भी पहाड़ जैसी समस्या हो लेकिन पहाड़ को भी , बड़ी बात को भी छोटा सा खिलौना बनाये खेल की रीति से पार करना यह हैं सहनशक्ति।
■ सहन शक्ति वाला कभी घबरायेगा नही । वह ज्ञान की वा याद की गहराई में जायेगा।वह हर बात के सार को समझने के कारण भरपूर होगा।
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