साधारण एलईडी चालक का विश्लेषण
दोस्तों आपने इंटरनेट पर कई परिपथ देखे होंगे जो दर्शाते हैं कि हम एलईडी के लिए एक साधारण चालक कैसे
बना सकते हैं। वास्तव में एलईडी का चालक एक समान धारा का परिपथ होता है जो एलईडी को समान धारा देता है।
और जैसा की आप जानते हैं कि एलईडी का बाज़ार आजकल काफी तेजी से बढ़ रहा है तो हमें जरूरत है
सस्ते से सस्ता एलईडी का चालक बाजार में लाने की।
बना सकते हैं। वास्तव में एलईडी का चालक एक समान धारा का परिपथ होता है जो एलईडी को समान धारा देता है।
और जैसा की आप जानते हैं कि एलईडी का बाज़ार आजकल काफी तेजी से बढ़ रहा है तो हमें जरूरत है
सस्ते से सस्ता एलईडी का चालक बाजार में लाने की।
आज मैं ऐसे ही एक एलईडी के चालक के बारे में आपको बताऊंगा जो कि इंटरनेट पर उपलब्ध है।
हम उसे बनाएंगे उसका विश्लेषण करेंगे और अंत में अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
हम उसे बनाएंगे उसका विश्लेषण करेंगे और अंत में अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
तो दोस्तों नीचे जो परिपथ दिया हुआ है वह एक साधारण एलईडी चालक का है जिसमें दो ट्रांजिस्टर
और दो प्रतिरोधकों की सहायता से समान धारा प्राप्त करने की कोशिश की गई है।
इस परिपथ का उद्देश्य 12 वोल्ट के संचायिका से रोशनी उत्पन्न करना है, और
इसके विभव का मान 10.5 से अधिकतम 14.2 तक जाएगा।
और दो प्रतिरोधकों की सहायता से समान धारा प्राप्त करने की कोशिश की गई है।
इस परिपथ का उद्देश्य 12 वोल्ट के संचायिका से रोशनी उत्पन्न करना है, और
इसके विभव का मान 10.5 से अधिकतम 14.2 तक जाएगा।
हमने यह परिपथ हमने अपनी प्रयोगशाला में बनाया और उसे विभिन्न प्रतिरोधकों के मान पर परीक्षण भी किया।
परीक्षण के कुछ परिणाम नीचे दिए हुए हैं। विभव का मान वोल्ट में है तथा धारा का मान मिली एंपियर में है ।
परीक्षण के कुछ परिणाम नीचे दिए हुए हैं। विभव का मान वोल्ट में है तथा धारा का मान मिली एंपियर में है ।
क्रमांक | विभव | R6=4.7 R R5=2.2 K | R6=4.7 R R5=2 K | R6=4.7 R R5=1.5 K | R6=4.7 R R5=1 K |
1 | 14.2 | 143 | 144 | 148 | 152 |
2 | 13.5 | 142 | 143 | 147 | 152 |
3 | 12.8 | 141 | 142 | 147 | 151 |
4 | 12.2 | 139 | 141 | 146 | 150 |
5 | 11.5 | 131 | 132 | 134 | 134 |
6 | 10.8 | 71 | 71 | 71 | 71 |
आप इसके परिणाम और ग्राफ दोनों को देख सकते हैं। देखने से लगता है कि जिस विभव की सीमा के लिए
इसे बनाया गया है उस सीमा पर यह सही तरीके से काम कर रहा है।
इसे बनाया गया है उस सीमा पर यह सही तरीके से काम कर रहा है।
तो इसका निष्कर्ष यह निकलता है कि यदि हमें इस परिपथ को शुरुवाती रौशनी के तोर पर बाजार में
निकालना पड़े तो हम आसानी से इसे निकाल सकते हैं ।
निकालना पड़े तो हम आसानी से इसे निकाल सकते हैं ।
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