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भय को दूर भगाओ

मुझे बचपन से ही कुत्तों से बड़ा दर लगता था, मेरा तो वो हाल था की जिस गली में कुत्ता दिख जाये उस गली से हफ्ते भर तक गुजरना बंद। मेरे मन में कुत्तों का आतंक सा बैठा हुआ था। और कुत्तों को नजाने मुझसे क्या लगाव था, चाहे मैं पैदल हूँ या साइकिल पर मेरा पीछा करना नही भूलते थे,और हमारी ओलंपिक की दौड़ शुरू कुत्ते पीछे और मैं आगे , यदि किसी स्पर्धा में ऐसा हो तो मैं अव्वल ही आऊँ।
पर अब में बड़ा हो गया और मुझे कुछ समझ आ गई (मुझे लगता है )☺। अब में कुत्तों से नही डरता। मैंने कुत्तों से बचने की एक तरकीब निकल ली।
अब जब भी कोई कुत्ता मेरी तरफ भगता है तो मैं उससे दुगनी तेजी से कुत्ते की तरफ भगता हूँ।और मुझे आता देख कुत्ता रूककर उल्टा भागना शुरू कर देता है और मुझे रास्ता साफ़ मिलता है।
अब अपनी यह सच्चाई बताने का मेरा सिर्फ यह उद्देश्य है की हम जितना भय से दूर भागेंगे, भय उतनी ही तेजी से हमारी तरफ भागेगा।
हममे से सब को कोई ना कोई भय होता है, जैसे किसी को सभा में बोलने का,किसी को नया काम करने का,किसी को नोकरी के खोने का तो किसी को सेहत खोने का । हम जितना इस भय से भागेंगे उतना हमारा मन कमजोर होता रहेगा और हमारे अंदर वह भय घर कर जायेगा।
यदि भय को भगाना है तो बस वह कार्य करो जिससे आपको भय है जैसे यदि आपको सभा में बोलने से भय है तो कोशिश करो की आप सभा में बोलें, यदि आपको कोई नया काम करने से भय है तो कोशिश करें की आप रोजाना कुछ न कुछ नया करें। छोटे से शुरूवात करें और आप जल्द ही देखेंगे की अब आपको किसी बात का भय नही है।
ऐसे ही भय की तरफ भाग कर भय को दूर भगाते रहें और जीवन में आगे बढ़ते रहें

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