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भगवान का प्रेम


लोगो को जीवन में बहुत धोखा मिला है। प्रत्येक असत्य चीज़ का खूब आदान-प्रदान हुआ है, जिससे भावनाए नष्ट हो गयी है।

यही कारण है की कुछ लोगो ने महसूस करना बंद कर दिया है तथा संसार को अस्वीकार कर दिया है। फिर भी, जब कोई आत्मा भगवान से कुछ प्राप्त करना शुरू करती है तो उसका ह्रदय उदार हो जाता है।

इसलिए आइये, भगवान के प्रेम को ग्रहण कीजिये तथा शुद्ध भावना रखिये। आइये, यह महसूस करे की शुद्ध भावनाए कैसी होती है। हम एक-दुसरे पर विश्वास करे तथा आत्म-विश्वास भी बनाये रखे। स्वयं से प्रेम करना सीखे। आइये, अपनी भावनाओ में शुद्धता लाये, तभी हम प्रेम का अनुभव कर सकते है।

ईश्वर से प्रेम लीजिये व उसे दुसरो को बाटिये। जब हम दुसरो के लिए अत्यंत शक्तिशाली शुभ कामनाये व शुभ भावनाए रखते है तो वे भावनाए उन तक पहुचती है। हम अपनी शुभ भावनाओ की शक्ति से एक-दुसरे की सहायता कर सकते है।

मेरे ह्रदय की गहराई में यही एक भावना है : " परमात्मा के सभी बच्चे उनसे अधिक से  अधिक वर्सा प्राप्त कर सके।"

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