आज यदि भारत बुनियादी ढांचों में सफल हो पाया हैं तो वह इनकी वजह से ही हैं। ना जाने कितने कारनामे किये हैं इन मेट्रो मेन ने । कलकत्ता मेट्रो, दिल्ली मेट्रो, पम्बन पुल, कोंकण रेलवे... जैसे नजाने कितने असंभव परियोजनाओं को इन्होने रूप दिया हैं।
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