एलईडी झालर

ट्रांसफार्मर प्रत्यावती धारा का मान कम करके 12V करता है। और डायोड D1 से D4 एक संशोधक का कार्य करते हैं। C1 छन्नी का कार्य करती है और फिर नियामक 7805 से हमें 5V का नियमित विभव मिलता है जिससे हमारा परिपथ चलता है।
555 (IC2) को एक नियमित वर्गाकार तरंग देने के लिए बनाया गया है, जो 1 Hz की आवर्ती की तरंग उत्पन्न है। यह तरंग CD4017 को दी जाती है। CD4017 एक जॉनसन गणक है जो हर तरंग पर एक कदम आगे बढ़ जाता है। इसके हर बिन्दुओं पर एक एक ट्रांजिस्टर लगा दिया है जो की Q0, Q1, Q2, ....... Q9 है। हर ट्रांजिस्टर 10 एलईडी को जलाता है. इसलिए 10 एलईडी एक बार जलती है और फिर आगे की 10। और ऐसे है श्रेणी चलती रहती है। इनकी आगे बढ़ने की चाल को VR1 से घटाया या बढाया जा सकता है। दसवे ट्रांजिस्टर के बाद फिर से पहला ट्रांजिस्टर जल पड़ता है और यह चक्र चलता रहता है। और आकर्षण प्राप्त करने के लिए इसमें हर श्रंखला में अलग अलग रंग की एलईडी लगाई जा सकती है।
लेखक :- अनिरुद्ध कुमार शर्मा
---अनि-प्रयोगशाला---
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