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पैसा पैसा

पैसे के लिए तो अमीरों को रोते देखा है गरीबों को रोते देखा है
कर्म अच्छे हैं जिनके उनका बिना पैसे ही भला होते देखा है
समझ नहीं आई तेरी खुदाई ऐ खुदा
गरीबो को हँसते ओर आमिरो को रोते देखा है
भाग रहे हैं जो पैसे की दोड़ में
अपनों की महफ़िल में भी उन्हें तन्हा खडे होते देखा है
लगा देते हैं जो जीवन पैसा कमाने में
उन्हें भी अपनी कब्र में खाली हाथ सोते देखा है
पैसा कमाने का हुनर मुझ में नही ऐ खुदां
तेरी दुआ से अपनी जरूरतों को पूरा होते देखा है
संभाल लेना मुझे भी गर भटक जाऊ इस भीड़ में
इस पैसे के भवर में अच्छो अच्छो को खोते देखा है
-अनिरुद्ध शर्मा

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