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सब उर्जा है

आप जैसी उर्जा बाहर भेजोगे वैसी ही पाओगे

✦ जो भी हम देखते हैं, सुनते हैं, छूते हैं, चखते हैं, सूंघते हैं, इन सबकी अलग अलग आवर्ती  होती है। आप जो आवर्ती को पकड़ते हो ओर विश्वास करते हो, उसको आपका अवचेतन मन वास्तविकता में बदल डालता है।

✦ कुर्सी  भी एक उर्जा  है, पेड़, या हम सब भी  एक उर्जा है,  परन्तु कुछ चीजें ऐसी हैं जो दिखती नहीं है जैसे विचार. जब भी हम कुछ सोचते हैं  जब आपको अच्छा महसूस होता है तो इसका मतलब ये सकारात्मक विचार है ओर  जब बुरा लगता है तो तब नकारात्मक विचार  चल रहे होते हैं। हर विचार की अपनी आवर्ती होती है।

✦ जैसे “मैं तुमसे घृणा करता हूँ” ये बहुत निम्न आवर्ती का विचार है। ”मैं तुमसे प्यार करता हूँ” यह उच्च आवर्ती का विचार है, जैसा विचार बाहर भेजोगे वैसी उर्जा आप आकर्षित करोगे।

आपने ध्यान दिया होगा जो लोग हर बात पर गुस्सा करते हैं उनके सामने परेशानियाँ  ज्यादा आती है ओर वो चिड़चिड़े रहते हैं क्यों?

✦ क्योंकि वो नकारात्मक उर्जा ही बाहर भेज रहे हैं, सामने वाले से बददुआ के रूप में भी नकारात्मक उर्जा  ही ले रहे हैं। अगर आप ये  सोचते हो कि ये दुनिया नर्क बन गई है, रहने लायक नहीं है, ओर हमेशा नकारात्मक समाचार  ही सुनते हो, ओर दूसरों  से भी नकारात्मक समाचार की चर्चा करते हो तो आप बहुत बुरी नकारात्मक उर्जा को आकर्षित कर रहे हो इसका परिणाम ये होगा कि कुछ समय बाद आपके घर में आपके जीवन  में कुछ ना कुछ परेशानी आनी शुरू हो जाएगी ओर आप समझ नहीं पाओगे ऐसा क्यूँ हो रहा है?

✦ इससे अच्छा आप किसी से मिलो तो अच्छी ही बात करो कि ये दुनिया बहुत अच्छी है, ये स्वर्ग बनने वाली है।

✦ सत्य क्या है? हम कोन है? हम एक शुद्ध व् सुंदर आत्मा  है। एक सकारात्मक उर्जा  है। इसलिए अपने विचार को बदलो जीवन  बदल जाएगा।

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