नवीनतम

हिंदी हमारी मात्र भाषा

हम आज कल के जीवन में काम के भाग दोड में अपने मूल को ही भूल गए हैं. जैसे की हमारी मात्र भाषा ही अब हम प्रयोग नहीं करते. ये माना की अंग्रेजी का ज्ञान होना जरूरी हैं पर उसपर निर्भर होना तो ठीक नहीं हैं. आओ एक पहल करें की हम अपनी मात्र भाषा का प्रयोग करें.

इसी बात को कविता के रूप में कहना चाहूँगा.

माना अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना पेट की मजबूरी हैं
पर अपनी राष्ट्र भाषा का ज्ञान होना भी तो जरूरी हैं।
माना अंग्रेजी भाषा से चलता हमारा खान पान हैं
पर हिंदी से ही तो होता अपना सम्मान हैं।
हिंदी अपना कर देखो सीना चोडा हो जायेगा
ये न सोचो की इससे आत्मसम्मान थोडा हो जायेगा।
अंग्रेजी को अपना बल समझने वालो एक बात समझ लो
अपनी भाषा अपनी रहेगी चाहे जितनी फिरंगी भाषा जप लो।
-अनिरुद्ध

3 टिप्‍पणियां: