देश का गोरव रहे बरकरार अनिरुद्ध शर्माजनवरी 27, 2016 देश में अब भी देश भक्ति और गोरव की मिसाल कायम है. सब के घर में हमारा बजाज देने वाली बजाज कंपनी अब आईएनएस विक्रांत के लोहे से निर्मित मो...Read More
गणतंत्र दिवस की बधाई अनिरुद्ध शर्माजनवरी 26, 2016 आशिक बन माशुका को दिल दिया तो क्या पहाड़ उखाड लिया एक जवान बन जो भारत माँ को दिल दिया तो विजय का तिरंगा गाड़ दिया -अनिरुद्ध शर्मा Read More
मेरा जुनून अनिरुद्ध शर्माजनवरी 26, 2016 हर दम नया करना, अपने विचारों को शब्दों में लिखना और नए की खोज में रहना ही मेरा जुनून है। क्यों? बस मुझे इसी में आनंद आता है Read More
मेरा नया आविष्कार अनिरुद्ध शर्माजनवरी 22, 2016 आज अपने एक नए आविष्कार को पंजीकृत किया , पेटेंट करा दिया। Read More
चिंता के कारण अनिरुद्ध शर्माजनवरी 18, 2016 चिंता मुक्त रहें और जीवन में आगे बढ़ें चिंता के मूल कारण निम्न हैं 1-सदैव दूसरों को खुश करने का प्रयास करना 2-हर कार्य स्वयं करने की...Read More
एक और देश भक्त अनिरुद्ध शर्माजनवरी 15, 2016 मजाक तो बहुत लोग करते हैं. लोगों का पागल भी बहुत लोग बनाते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मजाक मजाक में देशभक्ति सिखा जाते हैं. ...Read More
जीवन का एक और सच अनिरुद्ध शर्माजनवरी 14, 2016 मैं प्रतिदिन घर से कार्यालय जाने के लिए भारतीय रेल का प्रयोग करता हूँ और उनके द्वारा बनाये एंड्रॉइड एप से यह जानता रहता हूँ की जिन जिन ट्रे...Read More
हिंदी हुई आसान अनिरुद्ध शर्माजनवरी 11, 2016 हिंदी मातृ भाषा होते हुए भी हमारा ध्यान अंग्रेजी पर ज्यादा रहता है। और वही मेरा भी रहा, जो की निन्दनीय है। मुझे हिंदी में दिशाएं समझने में...Read More
शहीदों को नमन अनिरुद्ध शर्माजनवरी 06, 2016 यहाँ शहीदों की याद में कलम नही उठ रही और वो कह बेठे की हम लिखना भूल गए -अनिरुद्ध शर्मा Read More
शहीदों को नमन अनिरुद्ध शर्माजनवरी 06, 2016 उसकी चीख से पर्वत भी पानी हो गया होगा जिस माँ का लाल जंग में खो गया होगा जवानों की वंदना और शहीदों को नमन आभारी है तुम्हारा ये समूचा वतन...Read More
माँ का लाल अनिरुद्ध शर्माजनवरी 04, 2016 सुन री मई लाल तेरा तुझ पर ही इतराता है ईश्वर रहता साथ मेरे सबको ये बतलाता है -अनिरुद्ध शर्मा Read More
मैं ही जिम्मेदार हूँ अनिरुद्ध शर्माजनवरी 01, 2016 ख़ुशी हो या गम मैं ही जिम्मेदार हूँ जीवन के हर दृश्य का मैं ही चित्रकार हूँ क्यों कोसू मैं किसी और को जब खुद को ही मैं स्वीकार हूँ - अनि...Read More